170 साल पहले आज के ही दिन चली थी देश की पहली ट्रेन, 21 तोपों की सलामी के साथ मुंबई से भरी थी रफ्तार; देखें ऐतिहासिक नजारा
Indian Railway First Train: देश में आज से 170 साल पहले आज के ही दिन पहली पैसेंजर ट्रेन चली थी. ये ट्रेन मुंबई के बोरी बंदर से ठाणे के लिए चलाई गई थी.
Indian Railway First Train: आज के समय में भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है. हर दिन औसतन 10 हजार से अधिक ट्रेनें देश में चलती हैं, जिसमें लाखों लोग रोज सफर करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि देश में पहली ट्रेन (First Indian Train) कब और कहां चली थी. आइए आज आपको बताते हैं भारतीय रेलवे (Indian Railways) के उस गौरवशाली इतिहास के बारे में जिसने आज देश में लोगों के चलने के तरीके को बिल्कुल बदल दिया है और एक शहर से दूसरे शहर जाना बहुत ही आसान बना दिया है.
कैसे हुए देश में ट्रेन की शुरुआत
आपको बता दें कि भारत में ट्रेन की शुरुआत अंग्रेजों के जमाने से ही हो गई है. दरअसल 1832 में पहली बार भारत में ट्रेन चलाने का विचार किया गया था. उस वक्त ब्रिटेन में भी ट्रेन बस शुरू ही हुई थी. अंग्रेजों को पता था कि भारत जैसे विशाल देश में ट्रेन चलाने का उन्हें बहुत फायदा मिलने वाला है. जिसके बाद 1844 में भारत में तत्कालीन गवर्नर-जनरल लॉर्ड हार्डिंग इस काम में पूरे जी जान से जुट गएं.
भारतीय रेल्वे: 170 वर्षांचा गौरवशाली प्रवास...
— Central Railway (@Central_Railway) April 16, 2023
Indian Railway: A glorious journey of 170 years...
It all started from Mumbai on this day 170 years ago (16.04.1853)#TodayInHistory @RailMinIndia pic.twitter.com/VqoXDEHePV
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इसके बाद भारत में ट्रेन को लाने के लिए अंग्रेजों ने दो कंपनियों 'ईस्ट इंडियन रेलवे कंपनी' और 'ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे' का गठन किया. जिसके बाद देश में रेल का काम और भी तेजी से शुरू हो गया.
कब चली देश में पहली ट्रेन
इन सारे प्रयासों के बाद देश में पहली ट्रेन आज से 170 साल पहले यानि 16 अप्रैल, 1853 में शुरू हुई. देश में पहली ट्रेन तत्कालीन बंबई के बोरीबंदर से लेकर ठाणे के बीच चली थी. ये ट्रेन दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर मुंबई से निकली और 4 बजकर 45 मिनट पर ठाणे पहुंची. करीब 35 किलोमीटर के इस सफर को पूरे करने में इसे 1 घंटा और 10 मिनट का समय लगा.
भारती की इस पहली ट्रेन में 3 इंजन और 14 कोच लगे थे. जिसमें करीब 400 लोगों ने यात्रा की. इस ट्रेन को 21 तोपों की सलामी देकर विदा किया था. 16 अप्रैल, 1853 को अंग्रेजों ने पब्लिक हॉलीडे कर दिया था, जिससे ट्रैक के आसपास ट्रेन को देखने वालों की भीड़ जमा हो गई थी.
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10:25 AM IST